एक्यूप्रेशर भारत की प्राचीन उपचार पद्धति है। इसका जन्म भारत में ही हुआ था , परंतु यह चीन में पली और बड़ी हुई। महिलाओं के हाथों में लाख के कड़े पहनना, गले में हसली पहनना , पैरों में पायल पहनना। नाक और कान छेदन करके उनमें आभूषण पहनना। माथे पर लाल रंग का तिलक लगाना। यह सब एक्यूप्रेशर ही है।
हमारे प्राचीन समय के लोगों को एक्यूप्रेशर का बहुत ज्ञान था। उनका ज्ञान हमारे कई पुराने ग्रंथों में पढ़ने को मिलता है। एक्यूप्रेशर = एक्यू + प्रेशर, अर्थात एक्यूप्रेशर दो शब्दों से मिलकर बना है। एक्यू का अर्थ तीखी या नुकीली वस्तु से या अंगूठे से किसी पॉइंट पर प्रेशर देना और प्रेशर का अर्थ होता है, दबाव।
हमारे शरीर में जितने भी ऑर्गन हैं और शरीर के प्रत्येक भाग के हमारे हाथों और पैरों पर सादृश्य पॉइंट बने होते हैं। जब उनमे असंतुलन होता है तो उनको दबाने पर एक तीखा दर्द होता है तो पता लग जाता है कि शरीर के अंदर उस ऑर्गन में एनर्जी का असंतुलन हुआ है और उस स्थान पर दबाकर कुछ ही दिनों में बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
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